
अफगानिस्तान में भूकंप के बाद दूर-दूर तक तबाही के निशान
मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना, अभी भी कई लोग मलबे में दबे होने का अंदेशा
अफगानिस्तान में सोमवार को आए भयंकर भूकंप ने बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि पहुंचाई है। जलालाबाद से लगभग 27 किलोमीटर दूर पूर्व-उत्तरपूर्व में आठ किलोमीटर की गहराई में आए इस भूकंप ने दूर-दूर तक तबाही के निशान छोड़े हैं। अभी भी कई लोगों के मलबे में दबे होने का आशंका है।
आकड़े बताते हैं कि इस आपदा में मृतकों की संख्या बढ़कर 140 से पार हो गई है, जबकि तीन हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि अभी भी जीवित बचे लोगों की तलाश में बचाव और राहत अभियान लगातार जारी है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता सूफयुह हमाद ने बताया कि कई जगह घायल लोगों को अभी भी मलबे से निकाला जा रहा है, इसलिए मृतकों के आंकड़े और बढ़ सकते हैं।
भूकंप के कारण कुछ इलाकों में हुए भूस्खलन के बाद अवरुद्ध सड़कों को अब खोल दिया गया है। इससे दुर्गम स्थानों तक पहुंचना आसान हुआ है। कुणार के सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक नूरगल जिले के एक निवासी ने बताया कि लगभग पूरा गांव ही तबाह हो गया है। उन्होंने कहा, “हमें मददगारों की जरूरत है जो यहां आकर हमारा साथ दें और दबे लोगों को निकालें।”
दुनियाभर से मदद भेजने का वादा
ब्रिटेन ने 10 लाख पाउंड (करीब 13 लाख अमेरिकी डॉलर) की आपात धनराशि देने का वादा किया है, जिसे तालिबान सरकार के बजाय मानवीय एजेंसियों के बीच वितरित किया जाएगा। हालांकि ब्रिटेन तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता। चीन सहित अन्य देशों ने भी आपदा राहत सहायता की पेशकश की है।
यह भूकंप 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह तीसरा सबसे बड़ा भूकंप है। अफगानिस्तान के लिए यह नवीनतम संकट है, जो सहायता निधि में भारी कटौती और कमजोरी से जूझ रहा है। वर्ल्ड विजन अफगानिस्तान सहायता एजेंसी के एडवोकेसी निदेशक मार्क काल्डर ने आगाह किया कि मदद की जरूरत वाले लोगों की संख्या 2,50,000 से अधिक हो सकती है।
