आयकर रिटर्न की समयसीमा 2025 LIVE: क्या फिर बढ़ेगी ITR फाइलिंग की डेडलाइन?

आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि नज़दीक आते ही लाखों करदाताओं की चिंता बढ़ गई है। वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR दाखिल करने की डेडलाइन पहले 31 जुलाई 2025 तय थी। लेकिन मई महीने में आयकर विभाग ने इसे बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया था। उस समय सरकार ने नए ITR फॉर्म और यूटिलिटी के देर से उपलब्ध होने तथा तकनीकी तैयारियों को देखते हुए यह राहत दी थी।
अब जबकि बढ़ाई गई समयसीमा भी लगभग पूरी होने वाली है, करदाता और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक बार फिर समय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि पोर्टल पर गड़बड़ियों, रिटर्न प्रोसेसिंग में देरी और रिफंड स्टेटस में समस्या की वजह से फाइलिंग प्रभावित हो रही है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं और अगर सरकार और समय दे तो करदाता बिना गलती के अपना रिटर्न पूरा कर सकते हैं।
आयकर विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक करीब 5.3 करोड़ ITR दाखिल किए जा चुके हैं। लेकिन अभी भी लाखों लोग ऐसे हैं जिन्होंने अंतिम चरण में फाइलिंग का मन बनाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाती है तो भारी भीड़ के चलते पोर्टल पर दबाव और बढ़ सकता है, जिससे करदाताओं को और दिक्कतें होंगी।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार कई बार ITR की समयसीमा बढ़ा चुकी है, खासकर तब जब तकनीकी खामियां या तैयारी में कमी देखी गई। हालांकि इस बार वित्त मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। करदाताओं को इंतजार है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) इस संबंध में क्या फैसला लेता है।
अगर डेडलाइन आगे नहीं बढ़ती है तो 15 सितंबर 2025 के बाद देर से फाइल करने वालों पर जुर्माना और ब्याज लग सकता है। देर से फाइल किए गए रिटर्न पर ₹5,000 तक का पेनल्टी नियम लागू हो सकता है, जबकि छोटे करदाताओं के लिए यह राशि कम रखी गई है।
सरकार का मकसद समय पर टैक्स अनुपालन सुनिश्चित करना है, लेकिन तकनीकी चुनौतियों और बड़े पैमाने पर फाइलिंग के दबाव को देखते हुए आगे की राहत पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

