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उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती अब 3 साल के लिए, न्यूनतम वेतन ₹20,000 तय

उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती अब 3 साल के लिए, न्यूनतम वेतन ₹20,000 तय

 

लखनऊ। प्रदेश में सरकारी विभागों में अब आउटसोर्स भर्ती तीन साल के लिए होगी। कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये तय किया गया है। भर्ती में आरक्षण का लाभ मिलेगा। सरकार ने स्थायी प्रकृति के कार्यों को छोड़कर अन्य कार्यों के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिये भर्ती की व्यवस्था को मंजूरी दे दी है। इसके लिए यूपी आउटसोर्सिंग सेवा निगम बनाया जाएगा।

 

प्रदेश भर में पांच लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे हैं। अब इन्हें एक ही प्लेटफार्म से नामित एजेंसी के जरिये पारदर्शी प्रक्रिया से नियुक्ति मिलेगी। इसमें आरक्षण का भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा नियमावली, 2023 को मंजूरी दी गई।

 

मुख्यमंत्री और सलाहकारों के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा नियमावली, 2023 का प्रारूप तैयार किया था। कैबिनेट से उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम के गठन को भी मंजूरी मिल गई है। इस निगम के जरिये सभी विभागों, निगमों, परिषदों, प्राधिकरणों व अन्य स्वायत्तशासी संस्थानों में आउटसोर्सिंग से सेवाएं प्राप्त की जाएंगी। आउटसोर्स कर्मचारियों को शोषण से बचाने के लिए नियमावली में स्पष्ट व्यवस्था की गई है।

 

पूर्ववर्ती सैनिकों और महिला अभ्यर्थियों को विशेष प्राथमिकता, आशा, आंगनबाड़ी व महिला हेल्पलाइन से जुड़े पदों पर महिलाओं को वरीयता दी जाएगी।

 

लिखित परीक्षा व साक्षात्कार से चयन : आउटसोर्स कर्मचारियों के चयन के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की व्यवस्था होगी। लिखित परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की जाएगी।

 

आउटसोर्स कर्मचारियों की श्रेणी व न्यूनतम पारिश्रमिक

 

श्रेणी विवरण न्यूनतम वेतन

श्रेणी 1 चिकित्सक, अभियंता स्तर 1, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सेवा स्तर 1, अनुवादक (हिंदी) सेवाएं ₹40,000

श्रेणी 2 स्टाफ नर्स, तकनीशियन, सेवा स्तर 2, लेखा स्तर 2, ड्राइवर स्तर 2, भृत्य स्तर 2, माली, फिजियोथेरेपिस्ट, फार्मासिस्ट, फायरमैन, फिटर, सफाईकर्मी, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कंप्यूटर ऑपरेटर ₹25,000

श्रेणी 3 कनिष्ठ सहायक, लेखा लिपिक, आशुलिपिक, श्रेणी 3, कम्प्यूटर टाइपिस्ट, स्टोर कीपर, भृत्य स्तर 3 ₹22,000

श्रेणी 4 कार्यालय सहायक व अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मी, भृत्य, सुरक्षा गार्ड, माली, सफाईकर्मी ₹20,000

 

परिवारिक संपत्ति के बंटवारे में राहत, स्टांप और रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिकतम ₹5000

 

राजस्व संहिता में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। परिवारिक बंटवारे की दशा में संपत्ति की स्टांप व पंजीकरण शुल्क अधिकतम 5000 रुपये देना होगा। पहले बंटवारे में सर्किल दर पर स्टांप व पंजीकरण शुल्क देना होता था, अब परिवारिक बंटवारे में संपत्ति का मूल्य नहीं देखा जाएगा। इससे परिवार के लोग आसानी से बंटवारा करा सकेंगे। इसे परिवारिक विवाद कम होंगे।

 

न्यूनतम वेतन में खास व्यवस्था

 

प्रत्येक वित्तीय वर्ष में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि के आधार पर वेतन वृद्धि की व्यवस्था।

 

संविदा कर्मचारियों के वेतन का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में होगा।

 

आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए सेवा नियमावली में छुट्टियों, मातृत्व अवकाश व अन्य सुविधाओं का स्पष्ट उल्लेख।

 

नोडल और नई आउटसोर्स एजेंसी के अंतर को लेकर भ्रम दूर

 

कैबिनेट ने स्पष्ट किया है कि यूपी आउटसोर्सिंग एजेंसी अलग है। यह एक नामित नोडल एजेंसी होगी, जो नियुक्ति की पारदर्शी प्रक्रिया अपनाएगी। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। इस एजेंसी को कामगारों की सुविधा व शिकायत निवारण के लिए भी जवाबदेह बनाया जाएगा। कर्मचारियों के वेतन भुगतान में देरी या कटौती जैसे मामलों पर यह एजेंसी जवाबदेह होगी।

 

यूपी में बनेंगे टीवी, मोबाइल और लैपटॉप के कंपोनेंट्स, 50 हजार करोड़ का आएगा निवेश

 

राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए नई नीति को मंजूरी दी है। 2025 तक यूपी को इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अब राज्य में टीवी, मोबाइल, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के कंपोनेंट्स का निर्माण होगा।

 

सरकार को इससे 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है। इससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। नई नीति के अंतर्गत ज़मीन, बिजली और टैक्स में कई रियायतें दी जाएंगी। नीति के अंतर्गत नए क्लस्टर भी विकसित किए जाएंगे।

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