जीएसटी कटौती के बाद भी 5% तक बढ़ सकता है बीमा प्रीमियम
व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 22 सितंबर से शून्य जीएसटी
नई दिल्ली। अगर आप सोच रहे हैं कि जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी खत्म होने से राहत मिलेगी, तो ऐसा नहीं होगा। सरकार ने 18 प्रतिशत जीएसटी हटाने की घोषणा तो की है, लेकिन इसके बावजूद बीमा प्रीमियम महंगा हो सकता है।
बीमा उद्योग से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार द्वारा इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पर रोक लगाए जाने से कंपनियां नुकसान की भरपाई ग्राहकों से करेंगी। ऐसे में बीमा पॉलिसी लेने वालों को पूरी तरह राहत नहीं मिलेगी और प्रीमियम में 5% तक की बढ़ोतरी संभव है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट खत्म होने से कितना होगा नुकसान?
वर्तमान में बीमा कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर, मार्केटिंग, एडमिन और अन्य खर्चों पर जीएसटी चुकाती हैं। अभी तक इन खर्चों पर दिए गए टैक्स का क्रेडिट मिल जाता था। लेकिन अब यह सुविधा खत्म हो जाएगी।
यानी कंपनियां जो टैक्स देंगी, उसका बोझ ग्राहकों पर ही डाला जाएगा। इससे बीमा प्रीमियम बढ़ने का अंदेशा है।
ऐसे समझें पूरा गणित
22 सितंबर 2025 से व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी पूरी तरह से हट जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि 18% टैक्स खत्म हो जाएगा। लेकिन, ITC पर रोक लगने से बीमा कंपनियां 12-15% की लागत का फायदा नहीं उठा पाएंगी।
यानी ग्राहकों को केवल 12-15% कटौती का लाभ मिलेगा और शेष प्रीमियम 5% तक बढ़ सकता है।
वृद्धि की वजह
पॉलिसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि पॉलिसीधारकों पर बोझ इसलिए बढ़ेगा क्योंकि बीमा कंपनियां अपने खर्चों की भरपाई ग्राहकों से करेंगी।
