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धार्मिक स्थलों के प्रति बढ़ा आकर्षण, कमरों की बुकिंग में 19 फीसदी तेजी

धार्मिक स्थलों के प्रति बढ़ा आकर्षण, कमरों की बुकिंग में 19 फीसदी तेजी

काशी घाट

भारत में धार्मिक पर्यटन का महत्व सदियों से रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। लोग अब केवल दर्शन या पूजा-पाठ के लिए ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और जीवन की सकारात्मकता पाने के लिए भी धार्मिक स्थलों का रुख कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरुआती दो क्वार्टर में धार्मिक स्थलों पर होटलों और कमरों की बुकिंग में 19 फीसदी की तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद लोगों की जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है। अब लोग भीड़-भाड़ वाले पर्यटन स्थलों की बजाय आध्यात्मिक यात्रा को प्राथमिकता दे रहे हैं। यही कारण है कि मैकेनमाइंड्स की ताज़ा रिपोर्ट धार्मिक पर्यटन को लगातार बढ़ती मांग का सबसे बड़ा कारण बता रही है।

होटल बुकिंग के नए ट्रेंड

धार्मिक स्थलों पर बुकिंग के आँकड़े यह दर्शाते हैं कि यात्रियों की संख्या में तो इज़ाफा हो ही रहा है, साथ ही लोग बेहतर सुविधाओं वाले होटलों को भी चुन रहे हैं।

71% बुकिंग उन कमरों के लिए हुई है जिनका किराया प्रति रात 4,500 रुपये तक है।

7,000 से 10,000 रुपये तक किराए वाले होटलों की बुकिंग में 24 फीसदी उछाल दर्ज किया गया।

वहीं 10,000 रुपये से अधिक किराए वाले लग्ज़री कमरों की बुकिंग भी 23 फीसदी तक बढ़ गई है।

इससे साफ है कि हर बजट वर्ग का यात्री अब धार्मिक स्थलों की ओर आकर्षित हो रहा है।

होमस्टे और सर्विस अपार्टमेंट्स की मांग

धार्मिक स्थलों पर केवल होटल ही नहीं, बल्कि होमस्टे और सर्विस अपार्टमेंट्स भी यात्रियों की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कुल बुकिंग में से लगभग 10 फीसदी हिस्सेदारी होमस्टे और अपार्टमेंट्स की रही है। इसका बड़ा कारण यह है कि यात्रियों को यहां घर जैसा माहौल और स्थानीय संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलता है।

किन शहरों में सबसे ज्यादा रुझान

देश के प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्रों में बुकिंग का सबसे अधिक दबदबा रहा।

प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या, पुरी, उज्जैन और तिरुपति जैसे स्थानों पर यात्राओं में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज हुई है।

इसके अलावा वैकुंठधाम, ओंकारेश्वर और तिरुवनंतपुरम जैसे छोटे लेकिन प्रमुख धार्मिक स्थलों ने भी पर्यटकों को आकर्षित किया है।

समूह यात्राओं का बढ़ता चलन

एक और दिलचस्प ट्रेंड देखने को मिला है कि अब लोग समूह में धार्मिक यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 47% यात्राएं समूहों में की जा रही हैं। यह चलन न केवल पारिवारिक और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा देता है, बल्कि सामूहिक रूप से धार्मिक अनुभव को और भी गहरा बनाता है।

निष्कर्ष

धार्मिक पर्यटन भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है और अब यह एक बड़े उद्योग के रूप में उभर रहा है। कमरों की बुकिंग में आई 19 फीसदी की तेजी इस बात का प्रमाण है कि लोगों का रुझान आध्यात्मिक स्थलों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। होटल, होमस्टे और ट्रैवल इंडस्ट्री के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, वहीं यात्रियों के लिए यह जीवन में शांति और आध्यात्मिक आनंद पाने का नया माध्यम बनता जा रहा है।

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