नेपाल के प्रमुख दलों को कार्की सरकार स्वीकार, पर संसद भंग करने का विरोध

नेपाल की राजनीति में बड़ा मोड़ देखने को मिला है। देश के आठ प्रमुख दलों ने प्रधानमंत्री कार्की सरकार को समर्थन देने की घोषणा की है। हालांकि, संसद भंग करने के फैसले का कई दलों ने कड़ा विरोध किया है।
विपक्षी दलों का कहना है कि संसद भंग करना लोकतांत्रिक परंपरा और संविधान की भावना के खिलाफ है। उनका आरोप है कि सरकार बहुमत बनाए रखने के लिए असंवैधानिक कदम उठा रही है।
प्रधानमंत्री कार्की ने विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि सरकार राजनीतिक स्थिरता और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे मतभेदों से ऊपर उठकर देशहित में सहयोग करें।
नेपाल के राष्ट्रपति ने भी राजनीतिक दलों से संविधान और लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करने की अपील की है। वहीं, आम जनता का रुझान भी दो हिस्सों में बंटा दिखाई दे रहा है—कुछ लोग सरकार का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ विरोध प्रदर्शन में उतर आए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि संसद भंग करने के मुद्दे पर नेपाल की राजनीति आने वाले दिनों में और भी गरमा सकती है।

