बाढ़ग्रस्त पंजाब को 1,600 करोड़ व हिमाचल को 1,500 करोड़ की मदद
देश में प्राकृतिक आपदाएं समय-समय पर जनजीवन को गहराई से प्रभावित करती हैं। हाल ही में उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते भयंकर तबाही देखने को मिली। इस आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य पंजाब और हिमाचल प्रदेश रहे। इन दोनों
ही राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण जहां सैकड़ों लोगों की जान गई, वहीं हजारों घरों को भारी नुकसान पहुंचा। किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं और सड़कों से लेकर पुलों तक की बुनियादी ढांचा ध्वस्त हो गया।
इसी स्थिति का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने पंजाब और हिमाचल के लोगों से मुलाकात कर उनका दर्द समझा और केंद्र सरकार की ओर से बड़ी आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश की केंद्र सरकार इन मुश्किल घड़ियों में हमेशा जनता के साथ खड़ी है और जल्द ही हालात सामान्य बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
पंजाब को 1,600 करोड़ की राहत राशि
पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। हजारों परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े और राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी। किसानों की लाखों हेक्टेयर फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। इन हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री ने पंजाब को 1,600 करोड़ रुपये की राहत राशि देने का ऐलान किया। यह धनराशि राज्य सरकार के माध्यम से पुनर्वास, मकान निर्माण, सड़क मरम्मत और किसानों को मुआवजा देने में खर्च की जाएगी।
हिमाचल को 1,500 करोड़ की मदद
हिमाचल प्रदेश में हालात और भी गंभीर रहे। भूस्खलन और तेज बारिश से सैकड़ों सड़कें टूट गईं, कई पुल बह गए और सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया। हजारों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राज्य की पर्यटन व्यवस्था भी पूरी तरह से प्रभावित हो गई। इन चुनौतियों को देखते हुए प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। इस राशि से राज्य में पुनर्निर्माण, सड़कों की मरम्मत, टूटे पुलों का निर्माण और आपदा पीड़ितों की तत्काल राहत कार्य किए जाएंगे।
मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये
प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आपदा में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
12,000 घरों का होगा पुनर्निर्माण
केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि प्रभावित राज्यों में करीब 12,000 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इनका पुनर्निर्माण कराया जाएगा ताकि प्रभावित परिवारों को फिर से स्थायी आवास मिल सके। इसके लिए विशेष पैकेज तैयार किया जा रहा है।
केंद्र और राज्य सरकार का साझा प्रयास
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह सिर्फ केंद्र की जिम्मेदारी नहीं बल्कि राज्य सरकारों को भी मिलकर राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि किसी भी पीड़ित परिवार तक सहायता पहुंचाने में देरी न हो।
जनता का भरोसा
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित लोगों को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार उनकी पीड़ा को समझती है और हर संभव सहायता मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से लड़ने के लिए सरकार और जनता का मिलकर काम करना जरूरी है। यही एकमात्र रास्ता है जिससे प्रभावित क्षेत्र जल्दी सामान्य जीवन की ओर लौट सकते हैं।
