वाराणसी में बृहस्पतिवार को द्विपक्षीय वार्ता के दौरान मारीशन के पीएम डाॅ नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भारत-मॉरीशस दो देश लेकिन हमारे सपने एक: मोदी

वाराणसी में बृहस्पतिवार को द्विपक्षीय वार्ता के दौरान मारीशन के पीएम डाॅ नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और मॉरीशस भौगोलिक दूरी के बावजूद दिलों से बेहद करीब हैं। दोनों देशों के सपने, चुनौतियां और विकास की आकांक्षाएं एक जैसी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बातें मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ के साथ मुलाकात के दौरान कहीं। इस अवसर पर भारत ने मॉरीशस को 6,000 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

 

मोदी ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत और मॉरीशस की साझेदारी दोनों देशों की प्रगति के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी अहम है। उन्होंने बताया कि यह सहयोग केवल कूटनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की मजबूत नींव पर टिका हुआ है।

 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हमेशा से मॉरीशस की विकास यात्रा का साथी रहा है और आगे भी रहेगा। भारत की ओर से दी जा रही सहायता का उपयोग आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी विकास जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने इस सहयोग को “साझा भविष्य की मजबूत नींव” बताया।

 

मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने भी भारत के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा मुश्किल समय में मॉरीशस का साथ दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध महज राजनयिक स्तर पर नहीं बल्कि ‘परिवार’ जैसे हैं।

 

मोदी ने आगे कहा कि कोसी और गंगा नदियों के तटों से लेकर हिंद महासागर की लहरों तक भारत और मॉरीशस की संस्कृति और परंपराएं एक-दूसरे से जुड़ी हैं। यही कारण है कि दोनों देशों के नागरिक भी एक-दूसरे से आत्मीय संबंध महसूस करते हैं।

 

भारत और मॉरीशस ने इस दौरान कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें व्यापारिक सहयोग, समुद्री सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्र में साझेदारी शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस साझेदारी से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक स्थिति और मजबूत होगी।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में कहा कि भारत और मॉरीशस भले ही दो देश हों, लेकिन हमारे सपने और लक्ष्य एक हैं। दोनों राष्ट्र मिलकर 21वीं सदी को विकास, शांति और समृद्धि का युग बनाएंगे।

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