22 जुलाई से लागू होगा GST 2.0: सिर्फ दो टैक्स स्लैब, 175 से ज्यादा प्रोडक्ट होंगे सस्ते, कारोबारियों को मिलेगी राहत

नई दिल्ली। देश की कर व्यवस्था में जल्द ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 22 जुलाई 2025 से GST 2.0 लागू किया जाएगा। इस फैसले का उद्देश्य टैक्स प्रणाली को सरल बनाना और आम उपभोक्ता के साथ-साथ कारोबारियों को भी राहत देना है।
अभी तक जीएसटी (GST) में कई तरह की टैक्स दरें लागू थीं, लेकिन अब इसे सरल बनाकर सिर्फ दो टैक्स स्लैब में समेटा जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव आम जनता को सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध कराएगा और कारोबारियों के लिए टैक्स अनुपालन भी आसान होगा।
क्यों जरूरी था GST 2.0?
भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के अप्रत्यक्ष करों को समाप्त कर एक समान टैक्स प्रणाली लागू करना था। शुरुआती वर्षों में यह व्यवस्था कारगर साबित हुई, लेकिन समय के साथ इसमें कई दरें और जटिल प्रक्रियाएं जुड़ गईं।
छोटे कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न भरने में दिक्कत आती थी और आम उपभोक्ता के लिए यह समझना कठिन हो गया था कि किस वस्तु पर कितना टैक्स देना पड़ रहा है। इन चुनौतियों को देखते हुए सरकार ने अब GST 2.0 लाने का फैसला किया है।
175 से ज्यादा चीजें होंगी सस्ती
सरकार के मुताबिक 175 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी घटाया गया है। इन चीजों की कीमतों में कमी आने से सीधे तौर पर आम जनता को फायदा मिलेगा। इनमें शामिल हैं:
• पैक्ड फूड प्रोडक्ट्स जैसे बिस्किट, जूस और नमकीन
• साबुन, शैम्पू और टूथपेस्ट जैसे व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद
• कपड़े और रेडीमेड गारमेंट्स
• जूते-चप्पल
• मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
• घरेलू सामान जैसे मिक्सर, पंखा और वॉशिंग मशीन
इन पर टैक्स कम होने से महंगाई का दबाव घटेगा और बाजार में मांग बढ़ेगी।
महंगे उत्पादों पर बढ़ेगा टैक्स
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि लग्ज़री और गैर-जरूरी वस्तुओं को 40% टैक्स स्लैब में रखा गया है। इनमें शामिल हैं:
• महंगी गाड़ियां और एसयूवी
• तंबाकू और सिगरेट
• एसी, फ्रिज और अन्य लग्ज़री इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट
इसका असर आम उपभोक्ता पर नहीं पड़ेगा, बल्कि यह सिर्फ अमीर और लग्ज़री सामान खरीदने वालों तक सीमित रहेगा।
कारोबारियों के लिए बड़ी राहत
GST 2.0 का सबसे बड़ा फायदा कारोबारियों को होगा।
• पहले कारोबार पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) के लिए 30 दिन का समय मिलता था, जिसे घटाकर अब 10 दिन कर दिया गया है।
• जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है।
• छोटे और मध्यम कारोबारियों के लिए अनुपालन (compliance) का बोझ कम होगा।
• टैक्स स्ट्रक्चर आसान होने से कारोबार करने की लागत भी घटेगी।
महंगाई और अर्थव्यवस्था पर असर
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि GST 2.0 का असर सीधा महंगाई पर पड़ेगा। रोजमर्रा की जरूरत की चीजें सस्ती होने से लोगों की जेब पर कम दबाव पड़ेगा। इसके साथ ही, मांग बढ़ने से उद्योगों और बाजारों को भी गति मिलेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सुधार भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक कदम है। टैक्स प्रणाली पारदर्शी बनेगी, निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और “Ease of Doing Business” में भारत की रैंकिंग बेहतर हो सकती है।
विपक्ष का रुख
विपक्षी दलों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सवाल भी उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि यह बदलाव पहले किया जाता तो महंगाई को और पहले नियंत्रित किया जा सकता था। बावजूद इसके, उन्होंने स्वीकार किया कि GST 2.0 से उपभोक्ताओं और कारोबारियों दोनों को लाभ होगा।
22 जुलाई से लागू होने वाला GST 2.0 देश की टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। 175 से ज्यादा चीजों के सस्ते होने से जनता को राहत मिलेगी, कारोबारियों के लिए अनुपालन आसान होगा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

