सपा विधायक रमाकांत यादव को एक साल की जेल
उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाने वाली खबर सामने आई है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक और पूर्व सांसद रमाकांत यादव को अदालत ने एक साल का कारावास और 3800 रुपये जुर्माना सुनाया है। यह फैसला 2006 में दर्ज एक पुराने मामले में आया है।
2006 का पुराना मामला
दरअसल, यह मामला 2006 का है। उस समय रमाकांत यादव अपने लगभग 200–250 समर्थकों के साथ दीदारगंज थाने पहुँच गए थे। आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन थानाध्यक्ष और अन्य पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की। बताया जाता है कि वे अपने समर्थक मधुप कुमार सिंह को छुड़वाने के लिए दबाव डाल रहे थे।
इस घटना के कारण आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सड़क पर जाम लग गया और कई लोग फंस गए। इसके बाद पुलिस ने रमाकांत यादव और उनके समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
अदालत का फैसला
मामले की सुनवाई एमपी–एमएलए स्पेशल कोर्ट में हुई। विशेष न्यायाधीश विपिन कुमार ने सभी गवाहों और सबूतों पर विचार करने के बाद रमाकांत यादव को दोषी करार दिया। अदालत ने उन्हें एक साल की सजा और 3800 रुपये का जुर्माना सुनाया।
हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि यह सजा दो साल से कम है, इसलिए उनकी विधानसभा सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यानी रमाकांत यादव विधायक बने रहेंगे।
पहले भी विवादों में रहा नाम
रमाकांत यादव का नाम पहले भी कई विवादों में आ चुका है। फरवरी 2022 में आहेरुला इलाके में जहरीली शराब कांड हुआ था, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी और करीब 45 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। इस मामले में भी रमाकांत यादव का नाम सामने आया था और तभी से वे जेल में बंद हैं।
राजनीतिक असर
अदालत का यह फैसला समाजवादी पार्टी और रमाकांत यादव दोनों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस फैसले का असर आगामी चुनावों पर भी देखने को मिल सकता है। हालांकि, उनके वकीलों ने संकेत दिए हैं कि वे इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे।
निचोड़
रमाकांत यादव पूर्वांचल की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं, लेकिन लगातार विवादों और कानूनी मामलों ने उनकी छवि को कमजोर किया है। अदालत का यह ताजा फैसला उनके राजनीतिक करियर के लिए एक और बड़ा झटका साबित हो सकता है।
