जीएसटी 2.0 लागू होने का इंतजार, मंजूर कार लोन रद्द करा रहे खरीदार

बैंकों की बढ़ी जिम्मेदारी, उधारकर्ता अब नई शर्तों का कर रहे चुनाव
नई दिल्ली।
देशभर में ऑटोमोबाइल सेक्टर और उपभोक्ताओं के बीच जीएसटी 2.0 को लेकर बड़ी उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। कई उपभोक्ता कार लोन मंजूर होने के बावजूद अपनी खरीद को रोक रहे हैं और बैंकों से लोन रद्द करा रहे हैं।
बाजार के जानकारों का कहना है कि उपभोक्ता नई टैक्स व्यवस्था जीएसटी 2.0 लागू होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उन्हें बेहतर कीमत और फायदे मिल सकें। इस वजह से बैंकों में कार लोन का अप्रूवल मिलने के बाद भी खरीदार तुरंत गाड़ियों की खरीदारी नहीं कर रहे।
इनवॉइस जारी होने में हो रही देरी
ऑटो सेक्टर से जुड़े सूत्रों के अनुसार, खरीदारों का कहना है कि अगर वे अभी इनवॉइस जारी करवाते हैं तो मौजूदा टैक्स दरों पर गाड़ी खरीदनी पड़ेगी। जबकि जीएसटी 2.0 लागू होने पर कीमतों में कमी आने की संभावना है। ऐसे में खरीदार इंतजार करना ही बेहतर विकल्प मान रहे हैं।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
विशेषज्ञों का अनुमान है कि जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद कार और उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद में बड़ा उछाल आएगा। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगले कुछ महीनों में ही करीब 3.50 लाख करोड़ रुपये तक का अतिरिक्त कारोबार बढ़ सकता है।
बैंकों की चिंता बढ़ी
बैंकों के सामने अब यह चुनौती है कि मंजूर हो चुके लोन रद्द होने से उनकी बैलेंस शीट और क्रेडिट ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। वित्तीय संस्थानों ने इस स्थिति को देखते हुए नए विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है।

