उत्तराखंड-हिमाचल में मानसून की आफत: बादल फटने, भारी बारिश और बाढ़ से तबाही; मंडी, धरमपुर, शिमला में 18 बसें बहीं, 26 की मौत

सितंबर 2025 में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और मूसलाधार बारिश से भारी तबाही हुई, जिससे आमजनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। देहरादून के सहस्त्रधारा क्षेत्र और हिमाचल के मंडी, धरमपुर व शिमला जिलों के कई इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। देहरादून में तमसा और सौंग नदी के उफान पर आने के कारण पुल, घर, दुकानें बह गईं, और प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर को भी नुकसान पहुँचा। इस आपदा में उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 26 लोगों की मौत और 15 से अधिक लोग लापता हैं।

 

मंडी जिले के धर्मपुर में बादल फटने के बाद हुए भयंकर बाढ़ से बस स्टैंड पूरी तरह जलमग्न हो गया और वहां खड़ी एचआरटीसी की 18 बसें तेज बहाव में बह गईं। कई दुकानों के साथ वाहन भी बर्बाद हो गए और करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ। प्रशासन के अनुसार मंडी जिले में 493 से अधिक सड़कें बाधित हुईं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में बड़ी चुनौतियां सामने आईं। शिमला जिले में भी भारी बारिश के कारण जगह-जगह लैंडस्लाइड्स की घटनाएं हुईं और कई वाहन मलबे में दब गए।

 

स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ तथा पुलिस टीमें लगातार राहत और बचाव में जुटी हैं। देहरादून, मंडी और शिमला में कई फंसे लोगों के सफल रेस्क्यू किए गए, लेकिन हालात अभी भी संवेदनशील बने हुए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार पछुआ और पूर्वी हवाओं के टकराव, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, और अनियोजित निर्माण व जंगलों की कटान ने हालात को गंभीर बना दिया है। उत्तराखंड में सामान्य से 22%, हिमाचल में 46% अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

 

सरकार ने राहत पैकेज और पुनर्वास का एलान किया है, लेकिन इस तबाही ने पहाड़ों की नाजुक पारिस्थितिकी और जलवायु परिवर्तन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आमजन को सतर्क रहने व सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की अपील की गई है। यह प्राकृतिक आपदा पहाड़ी राज्यों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है

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