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खनन दिग्गज जीएमडीसी के शेयर रिकॉर्ड स्तर के करीब, भारी वॉल्यूम पर जोर 

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सरकार के रेयर अर्थ मिनरल्स पर फोकस से निवेशकों में उत्साह

गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (GMDC) ने वर्ष 2030 तक लगभग 13,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत निवेश (Capex) करने की योजना बनाई है। इसके तहत हर साल लगभग 1,500–2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। कंपनी ने बताया कि इसमें से लगभग 3,000–4,000 करोड़ रुपये दो अहम क्रिटिकल मिनरल प्रोजेक्ट्स पर खर्च किए जाएंगे।

ओडिशा में जीएमडीसी के पास तीन ब्लॉक्स हैं, जिनमें सबसे बड़ा बैतरानी वेस्ट (Baitarani West) है। कंपनी का कहना है कि इस पर इस साल ग्राउंडब्रेकिंग (शुरुआती कार्य) होगा और भविष्य में यह उसका सबसे बड़ा खदान बनेगा जिसकी क्षमता 15 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) होगी। उम्मीद है कि यह भारत की शीर्ष 12–13 खदानों में शामिल हो जाएगी।

हाल के दिनों में जीएमडीसी सुर्खियों में है क्योंकि केंद्र सरकार ने रेयर अर्थ खनन (Rare Earth Mining) पर जोर देने का फैसला किया है, ताकि भविष्य में इन खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, कंपनी ने भी नए खनन प्रोजेक्ट्स में उतरने की योजना बनाई है।

उधर, खबरों के अनुसार भारत सरकार पेरू और चिली के साथ क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई के लिए बातचीत कर रही है। चल रही मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की वार्ताओं में पहली बार रेयर अर्थ पर अलग अध्याय जोड़ा गया है। इन वार्ताओं का दूसरा दौर पिछले हफ्ते हुआ था और अगला चरण अक्टूबर में प्रस्तावित है। बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा और ईवी सेक्टर की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार इन महत्वपूर्ण खनिजों की सुरक्षित आपूर्ति चाहती है।

बीते एक हफ्ते में जीएमडीसी के शेयरों में 25% की तेजी आई है, जबकि साल-दर-साल (YTD) आधार पर यह 56% ऊपर हैं। 5 सितंबर को कंपनी के शेयरों में 10% से अधिक की उछाल देखी गई और यह रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब पहुंच गए। एनएसई और बीएसई पर मिलाकर 2.25 करोड़ से अधिक शेयरों का सौदा हुआ, जो एक महीने के औसत कारोबार से 60 गुना ज्यादा है

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