
1 सितंबर से बदल रहे हैं एलपीजी एटीएम व एफडी सहित ये नियम 1 सितंबर से बदल रहे हैं एलपीजी एटीएम व एफडी सहित ये नियम
चांदी की हॉल मार्किंग से पारदर्शिता आएगी लेकिन कीमतें बढ़ेगी
नई दिल्ली 1 सितंबर से कई नए नियम लागू होगें जो आपके घर के बजट और रोजमर्रा के खर्चों को प्रभावित करेंगे चांदी की हाल मार्किंग एलपीजी की कीमतों में संशोधन एटीएम निकासी शुल्क और फिक्स्ड डिपॉजिट एफडी की ब्याज दरों से संभावित कमी जैसी बदलाव सीधे उपभोक्ताओं पर असर डालेंगे
एलजी की कीमतों में उतार चढाव
हर महीने की पहली तारीख को तेल कंपनियां घरेलू एलपीजी सिलेंडर की नई दरें घोषित करती है 1 सितंबर को भी कीमतों में बदलाव होंगे जो वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों और कंपनियों की गणनाओं पर निर्भर करता है
एटीएम निकासी पर नए नियम
कुछ बैंक एटीएम उपयोग पर नए नियम लागू करेंगे निर्धारित मासिक सीमा से अधिक निकासी करने वाले ग्राहको को उच्च लेनदेन शुल्क देना पड़ सकता है कई बैंक सितंबर में जमादारों पर ब्याज की समीक्षा करेंगे वर्तमान में अधिकांश बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर 6.5 से 7.5% के बीच ब्याज दर दे रहे हैं
चांदी के लिए अनिवार्य हॉल मार्किंग
सरकार चांदी के लिए अनिवार्य हॉल मार्किंग शुरू करने जा रही है इससे पारदर्शिता बढ़ेगी लेकिन कीमत पर असर पड़ सकता है इसका उद्देश्य चांदी के बाजार में शुद्धता और मूल्य निर्धारण में एकरूपता लाना है यह विश्वसनीयता बढ़ाएगा
एसबीआई कार्ड पर नए शुल्क
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया यानी एसबीआई कार्ड धारकों को संशोधित शर्तों का सामना करना पड़ेगा ऑटो डेबिट फेल होने पर दो फ़ीसदी जुर्माना लगेगा अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन पर अतिरिक्त शुल्क लागू हो सकता है ईंधन खरीद पर ऑनलाइन शॉपिंग पर भी उच्च शुल्क लग सकते हैं
उद्योग के कर्ज वृद्धि घाटी पर्सनल लोन में आई तेजी
नई दिल्ली उद्योग को बैंक ऋण की वृद्धि दर जून 2025 में घटकर 7.6 प्रतिशत रह गई एक साल पहले 11.3 प्रतिशत थी पर्सनल लोन में समग्र लोन की तुलना में तेजी से वृद्धि जा रही है रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बैंक ऋण वृद्धि जून 2024 के 15% से घटकर जून 2025 में 9.9% रह गई केंद्रीय बैंक ने कहा कि नीतिगत दरों में ढील के साथ 9% से कम ब्याज दर वालों ऋणों का हिस्सा जून 2025 में बढ़कर 54.01% हो गया बीते वर्ष 43.2 प्रतिशत था रिपोर्ट के अनुसार कुल ऋण में उद्योग की हिस्सेदारी 2025-26 की पहली तिमाही में मामूली रूप से घटकर 23.3 प्रतिशत रह गई जो एक वर्ष पहले 23.8 प्रतिशत थी। 
